पंडित रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स
नई दिल्ली, सर्वोच्च न्यायालय — 21 सितम्बर 2025माननीय श्री न्यायमूर्ति सूर्यकांत, कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा “दावेदार प्रतिपूर्ति एवं जमा प्रणाली हेतु डैशबोर्ड (Dashboard for Claimant Reimbursement & Deposit System for Motor Accident Claims Tribunal - MACT)” का शुभारंभ, नई दिल्ली में एनएएलएसए (NALSA) मुख्यालय पर मध्यप्रदेश न्यायपालिका के लिए।
मोटर दुर्घटना पीड़ितों को शीघ्र और पारदर्शी मुआवज़ा दिलाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, माननीय श्री न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, एनएएलएसए ने 21 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली स्थित सर्वोच्च न्यायालय में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) हेतु दावेदार प्रतिपूर्ति एवं जमा प्रणाली के डैशबोर्ड का शुभारंभ किया।
यह पहल माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 22 अप्रैल 2025 के आदेश (सुओ मोटू रिट याचिका (सिविल) सं. 7/2024) के अनुपालन में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा विकसित की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के सेंट्रल प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अथवा उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार (कंप्यूटर/आईटी) को संबंधित राज्य सरकारों की सहायता से ऐसा डिजिटल डैशबोर्ड विकसित करना होगा, जो एक केंद्रीय भंडार (Central Repository) के रूप में कार्य करेगा। इस पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 एवं कर्मचारी (वर्कमेन) क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत दिए गए मुआवज़े से संबंधित राशि और विवरण नियमित रूप से अपलोड किए जाएंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथि
इस अवसर पर माननीय न्यायाधीशों एवं अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें शामिल थे:
• माननीय न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय
• माननीय न्यायमूर्ति आलोक अराधे, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय
• माननीय न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा, मुख्य न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
• माननीय न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन, प्रशासनिक न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
• माननीय न्यायमूर्ति विवेक रूसिया, न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
• माननीय न्यायमूर्ति आनंद पाठक, न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
• माननीय न्यायमूर्ति मिलिंद रमेश फड़के, न्यायाधीश, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय
इस अवसर को और गरिमामयी बनाने हेतु धर्मेन्द्र सिंह, रजिस्ट्रार जनरल, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय; भारत पराशर, सदस्य सचिव, एनएएलएसए; कुलदीप कुशवाह, रजिस्ट्रार (आईटी), मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय; एवं अरविंद श्रीवास्तव, अतिरिक्त सचिव, म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सहित अनेक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का संबोधन
शुभारंभ अवसर पर माननीय श्री न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा:
“यह मंच न्याय प्रदाय प्रणाली को तेज़, सरल और आम नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। दुर्घटना से पीड़ित परिवारों को पहले से ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें न्याय पाने के लिए विलंब या जटिल प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना चाहिए। मध्यप्रदेश न्यायपालिका ने इस प्रणाली को शीघ्र और प्रभावी रूप से लागू करके अनुकरणीय कार्य किया है, जो अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श स्थापित करता है।”
प्रणाली से होने वाले लाभ
• बीमा कंपनियों अथवा जिम्मेदार पक्षों द्वारा मुआवज़े की ऑनलाइन जमा सुविधा
• दावेदारों के बैंक खातों में सीधे धनराशि का अंतरण — बिचौलियों की आवश्यकता समाप्त
• डैशबोर्ड पर वास्तविक समय में ट्रैकिंग — जमा एवं मामले की स्थिति आसानी से उपलब्ध
• ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों के दावेदारों को विशेष लाभ, जिन्हें अक्सर न्यायालय पहुँचने या मुआवज़ा प्राप्त करने में कठिनाई होती है
प्रदेशभर में न्यायाधीशों ने सुना शुभारंभ
इस उद्घाटन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मध्यप्रदेश के सभी जिलों और तहसीलों की अदालतों में न्यायाधीशों द्वारा देखा और सुना गया।
देवास जिले में यह कार्यक्रम प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजय प्रकाश मिश्र की उपस्थिति में आयोजित हुआ, जहाँ जिला मुख्यालय में पदस्थ सभी न्यायाधीश कॉन्फ्रेंस कक्ष में एकत्रित होकर इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने।
महत्व
इस एप्लिकेशन का शुभारंभ ई-कोर्ट्स परियोजना में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो न्यायपालिका की आधुनिकीकरण, पारदर्शिता और नागरिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करता है। म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (MPSLSA) इस प्रणाली की सतत निगरानी करेगा, ताकि मुआवज़ा राशि दावेदारों तक बिना विलंब के पहुँचे।
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