रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स
देवास / केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने को लेकर सोमवार को मनरेगा मोर्चा के प्रमुख एडवोकेट निलेश वर्मा ने एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम संयुक्त कलेक्टर अभिषेक शर्मा को सोपा ज्ञापन में मांग की गई के देश भर के मनरेगा मजदूर श्रमिक संगठन और ग्रामीण नागरिक भी व्ही बी जी राम जी कानून 2025 का कड़ा विरोध करते हैं।
मनरेगा 2005 एक कानूनी मांग आधारित और विकेंद्रीकृत अधिकार है जिसने करोड़ ग्रामीण परिवारों विशेष कर महिलाओं ,दलितों आदिवासियों और भूमिहीन मजदूरों को आजीविका की सुरक्षा देता था । व्ही बी राम जी कानून इस अधिकार को समाप्त कर मनरेगा को बजट नियंत्रित योजना में बदल देता है काम बजट और प्राथमिकताएं केंद्र से तय होगी यानी पहले बजट फिर काम जो मनरेगा की आत्मा पर सीधा हमला है 60:40 लागत साझेदारी से राज्यों पर बोझ डालकर गरीब राज्यों में काम ठप होगा बेरोजगारी और पालायन बढ़ेगा कृषि मौसम में 60 दिन काम पर रोक तथा बायोमेट्रिक डिजिटल नियंत्रण मजदूरों के अधिकार और 73वें संविधान संशोधन के तहत स्थानीय शासन को कमजोर करते हैं यह विधेयक बिना मजदूर, ग्राम सभा और श्रमिक संगठनों के परामर्श से लाया गया है
हम चाहते हैं कि न कानून का नाम बदलना है ना अधिकार व्ही बी राम जी बिल 2025 को तुरंत वापस लिया जाए । मनरेगा को उसके मूल अधिकार आधारित स्वरूप में पूरी तरह पुनः लागू किया जाए ।मनरेगा में काम करने के दिन बढ़ाया जाए वह 800 रुपए न्यूनतम मजदूरी तय की जाए। इस अवसर पर सुधीर शर्मा अनिल गोस्वामी मुकेश शर्मा राजेश जायसवाल शाहजी हाशमी विशाल चौधरी रवि देवड़ा,उपस्थित थे।


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