मीसाबंदी ही लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी : यशपाल सिसोदिया,लोकतंत्र को कलंकित करने वाला इतिहास का काला दिन था 25 जून : सेंधव,आपातकाल की 50 वीं बरसी पर हुआ लोकतंत्र सैनानीयों का सम्मान,मीसाबंदी तेजसिंह सेंधव ने सुनाए इमरजेंसी के संस्मरण

पंडित रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स 

देवास। 25 जून 1975 की आधी रात को देश पर थोपे गए आपातकाल के आज 50 वर्ष पूरे हो गए है। आज की पीढि को यह समझने की जरूरत है कि जो आज संविधान बचाने की बात कह रहे है। उनके नेताओ ने ही 50 साल पहले संविधान की हत्या की थी। सत्ता के लालच में लोकतंत्र का गला घाट दिया था। 

उस समय जेलो की यातनाएं सहकर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले मीसाबंदी ही लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी है। उक्त विचार भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया ने मुख्य वक्ता के रूप में मल्हार स्मृति मंदिर में आयोजित लोकतंत्र सैनानी सम्मान समारोह में प्रकट करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज हम जिन लोकतंत्र सैनानीयों का सम्मान कर रहे है यह हमारा सौभाग्य है। इनके संघर्ष से ही लोकतंत्र मजबूत हुआ है उस दौर में जब सामाजिक ,सांस्कृतिक और राजनैतिक संगठनो पर पाबंदी लगा दी गई थी। 

लोगो को जबरन जेल में ठूंसा जा रहा था। तब भी अपने विचारों के लिए राष्ट्र के लिए किया गया आपका संघर्ष हमारा मार्ग प्रशस्त करता है। संविधान की शपथ लेकर प्रधानमंत्री बनी इंदिरा गांधी ने न्याय पालिका को बंधक बनाकर सत्ता के आगें घुटने टेकने को विवश कर दिया था। 21 महिने के आपातकाल में नागरिको पर अत्याचार के अनूभव भी  हमारे बीच मौजूद है। समारोह की अध्यक्षता भोपाल के समाजसेवी एवं मीसाबंदी सुरेश विनोदे ने की। उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि सत्ता के नशे में चूर इंदिरा गांधी ने न केवल संवैधानिक ढांचे को कुचला बल्कि नागरिको के मौलिक अधिकारों को भी भंग कर दिया। 

जिसने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया उसे जेल में डाल दिया गया। जेल में भोजन और बिस्तर के लिए भी लोकतंत्र सैनानीयों को प्रताडनाएं दी जाती थी। आपातकाल किसी राष्ट्रीय संकट का परिणाम नही था, यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की जिंद थी। समारोह को संबोधित करते हुए लोकतंत्र सैनानीयों के परिजनों ने भी अपने अनुभव साझा किए। 



इसके पूर्व उद्बोधन देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष रायसिंह सेंधव ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा लोकतंत्र को कलंकित करने वाला इतिहास का काला दिन था 25 जून 1975, जब इंदिरा सरकार के अहंकार ने आपातकाल लगाया। ईश्वर से प्रार्थना है कि देश को ऐसा दिन फिर से न देखना पड़े। लोकतंत्र को बचाने के लिए जिन विभूतियों ने अपना जीवन दांव पर लगाया, उन्हें नमन करता हूं। आइए संकल्प लें कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए ऐसी मानसिकता, अहंकार और तानाशाही विचारधारा से देश को मुक्त कराएंगे।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक व मीसाबंदी तेजसिंह सेंधव ने कहा कि ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के संदर्भ और कांग्रेस की सरकारों के लिए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए और तानाशाह रवैया अपनाते हुए जनता द्वारा चुनी गई। राज्य सरकारों को 90 बार से अधिक बर्खास्त कर संविधान की हत्या कर की। इसके साथ ही अपनी निहित स्वार्थ की पूर्ति और निरंकुश तानाशाह बनने के लिए 75 बार संविधान में संशोधन किया। केवल इतना ही नहीं संविधान के स्तंभ कार्यपालिका, व्यवस्थापिका और न्यायपालिका के सभी अधिकारों को समाप्त कर, आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को छीनकर, प्रेस की आजादी को क्रूरता पूर्वक समाप्त कर ने का दुष्कर्म कांग्रेस की इंदिरा गांधी सरकार ने किया था। वहीं मीसाबंदी इंदरसिंह ठाकुर ने कहा कि आपातकाल 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार को बचाने के लिए लगाया था। उस समय के तत्कालीन बड़े-बड़े नेता पंडित अटल बिहारी वाजपेई, जयप्रकाश नारायण सहित लाखो राजनेता, कथाकार, लेखक, विद्वान, पत्रकार रातो रात उठाकर जेल में डाल दिया था। यह काला अध्याय किसी विभीषिका से कम नहीं है। उन्होंने देवास के मीसाबंदियों पर हुए अत्याचारों के बारे में विस्तार वर्णन किया। इस अवसर पर मीसाबंदी इंदरसिंह ठाकुर, पूर्व विधायक तेजसिंह सेंधव, शिवनारायण पाठक, जनार्दन पैठणकर, गोविंदराव करमकर, कन्हैयालाल रिझवानी का शाल, श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया तथा शेष जिले भर के मीसाबंदियों जो अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनके परिजनों का सम्मान भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विधायक मनोज चौधरी, मुरली भंवरा, अजय सिंह बघेल, नारायण व्यास, राजेश यादव, शरद पाचुनकर, पंकज वर्मा, मनीष सोलंकी, महेश पाटीदार, दुर्गेश अग्रवाल, सुभाष शर्मा, तेजसिंह बघेल, महेश दुबे, नरेन्द्रसिंह राजपूत, सुरेंद्र वर्मा, सुरेश सिलोदिया, राजेंद्र मोडरिया, देवेन्द्र नवगोत्री, जगदीश चौधरी, हरेंद्रसिंह पिलवानी, विजयसिंह पटलावदा, सुनील पटेल, मधु शर्मा, रविंद्रसिंह ठाकुर आदि उपस्थित थे। राष्ट्रगान की प्रस्तुति शुभांगी जलोरे ने दी। कार्यक्रम का संचालन अजय तोमर ने किया व आभार आपातकाल दिवस कार्यक्रम के जिला संयोजक प्रवीण चौधरी ने माना। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, दानामल राजानी, घनश्यामदास पमनानी, डॉ. बबूल जोशी के परिजन भी कार्यक्रम में शामिल हुए। इनका भी इस अवसर पर सम्मान किया गया। वहीं राजेंद्र पटेल, चेतन रघुवंशी, अजय जोशी, शुभम तंवर, गज्जू सोनी, शिवनारायण जोशी, श्याम चौधरी, श्याम चौधरी सहित मीसाबंदी के परिजन उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम के दौरान आपातकाल पर 10 मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। इसी के साथ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। उक्त जानकारी भाजपा सह जिला मीडिया प्रभारी कमल अहिरवार ने दी।

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