पंडित रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स
देवास। देवास जिले में बच्चों और माताओं के पोषण स्तर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन देवास द्वारा किलकारी पोषण अभियान चलाया जा रहा है। “किलकारी” पोषण अभियान के तहत अमलतास अस्पताल देवास में बनाये गये “पोषण पुनर्वास केंद्र” से 42 बच्चें कुपोषण से मुक्त होकर घर लौटे है।
सीईओ जिला पंचायत सुश्री ज्याति शर्मा ने बच्चों को घर जाते वक्त पोषण आहार की टोकरी का वितरण किया। बच्चों का वचन पहले से बढ़ा है और स्वास्थ्य में भी सुधार आया है। घर जाते वक्त माताओं के चहरे पर खुशी थी कि उनका बच्चा स्वस्थ एवं पोषित होकर घर जा रहा है। कुपोषण से मुक्त हुए बच्चों को दो माह तक हर 15 दिन में फॉलोअप लिया जायेगा और माता-पिता की कांउसलिंग भी की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुपोषण मुक्त देवास के लिए यह “किलकारी अभियान” चलाया जा रहा है। जिसके तहत अमलतास अस्पताल के सहयोग से अमलतास अस्पताल में “पोषण पुनर्वास केंद्र” बनाया गया है। अभियान के तहत सोनकच्छ सिविल अस्पताल में भी 50 बेड का “पोषण पुनर्वास केंद्र” बनाया गया है।
साथ ही वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर विशेष अमलतास के डायरेक्टर ने 130 से भी अधिक बार रक्तदान कर बना लिया है रिकॉर्ड, ये शख्स दशकों से बचा रहा है लोगों की जान !!
देवास । विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को मनाया जाता है। इस दिन पर ब्लड डोनर ऑफ़ इंदौर के नाम से मशहूर डॉ.अभिजीत तायड़े ने समाज के सामने 130 बार से भी अधिक बार रक्तदान कर मिसाल की कायम है। 46 वर्षीय डॉ.अभिजीत तायड़े पिछले 28 वर्षों से लगातार रक्तदान कर रहे है। उनका का मानना है कि हर किसी को रक्तदान करना चाहिए क्योंकि जीवन में इससे बड़ा महादान कुछ नहीं है। अमलतास एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में डायरेक्टर के पद पर पदस्थ डॉ.अभिजीत तायड़े ने अभी तक अपने जीवन काल में 130 से भी अधिक बार रक्तदान कर एक मिसाल कायम की है।
विज्ञानं नगर, इंदौर निवासी डॉ.अभिजीत तायड़े ने बहुत कम उम्र में ही लक्ष्य बना लिया था की वे हर जरुरतमंद को रक्तदान करेंगे। ओ-पॉजिटिव रक्त समूह वाले डॉ.अभिजीत तायड़े हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहते है। रक्तदान करने वाले दानदाताओं के प्रयासों ने ना जाने कितने लोगों की जान बचाई है और समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई है।ऐसे लोग निस्संदेह समाज के हीरो होते हैं। जिनकी प्रेरणा से और लोग भी आगे आकर रक्तदान करने के लिए प्रेरित होते हैं।
रक्तदान समूह "डोनेट ब्लड, सेव लाइफ” से जरूरतमंदों को मददगार भी
डॅा.अभिजीत तायड़े ने बताया कि हम केवल रक्तदान तक सीमित नहीं रहते है, बल्कि दूसरों की मदद के लिए अपना रक्तदान समूह "डोनेट ब्लड, सेव लाइफ" भी बना हुआ है। जिसमे हर जरुरतमंद को कभी भी, कही भी रक्त की जरुरत होती है तो समूह में से कोई भी सदस्य रक्तदान करने के लिए पहुँच जाता है।अगर किसी को भी रक्त की आवश्यकता हो तो इनके मोबाइल नंबर 9630098978 , 9977070185 पर संपर्क कर सकते है। इस ग्रुप के माध्यम से वे थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रक्त उपलब्ध कराते हैं।रक्तदान समूह द्वारा इसके अलावा,नशामुक्ति एवं अन्य बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कैंप लगाते हैं। उनकी यह पहल उन लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें नियमित रूप से रक्त की आवश्यकता होती है।
थैलसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्त सबसे आवश्यक उनका कहना है कि हर व्यक्ति को हर 3 महीने में रक्तदान करना चाहिए। जिन बच्चों को थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी बीमारियां होती हैं। उनके लिए रक्त हर 15 दिन में आवश्यक होता है। उन्होंने यह भी बताया कि रक्तदान के कई फायदे होते हैं। जिन्हें लोगों को समझने की आवश्यकता है। जरूरतमंदों को समय पर रक्त मिल जाने से उनकी जान बचाई जा सकती है और इस निःस्वार्थ सेवा के बदले में ईश्वर से यही प्रार्थनाकी जाती है, कि दाता और प्राप्तकर्ता दोनों को स्वस्थ और सुखी जीवन मिले। अपनी जिंदगी को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
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