पंडित रघुनंदन समाधियां प्रधान संपादक मां भगवती टाइम्स
देवास / बड़े जोर शोर के साथ घोषणा की गई थी कि उज्जैन में महाकाल लोक की तर्ज पर देवास स्थित मां चामुंडा माता पहाड़ी के आसपास पाथवे पर देवी लोक का निर्माण किया जाएगा जहां 4 किलोमीटर से अधिक क्षेत्रफल में देवी लोक बनाया जाएगा जहां नौ देवी के रूपों की मनमोहक मूर्तियां रहेगी साथ ही ओपन थिएटर नुमा जगह रहेगी जहां गरबा आदि विविध आयोजन हो सकेंगे सौंदर्य करण के साथ-साज सज्जा कर लाइटिंग की जाएगी , बैठने के लिए सिटिंग एरिया, बच्चों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था होगी।
साथ ही यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने देवीलोक की स्वीकृति दे दी है वही माइनिंग विभाग से फंड भी रिलीज कर दिया है। कुछ दिन पूर्व देवी लोक का 3D प्रिंट भी जारी किया गया था। साथ ही शंख द्वारा के समीप एक बड़े प्रवचन हाल का निर्माण पुराने अन्न क्षेत्र के भवन को तोड़कर किया गया है लेकिन वह आज भी अधूरा है। जिसको लेकर आज भी प्रशासन के पास इसके उपयोग को लेकर कोई ठोस कारगर योजना नहीं है प्रवचन हाल नाम जरूर दिया गया है लेकिन यह माता टेकरी के हिसाब से उपयोगी नहीं रहेगा।
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि जब देवी लोक के निर्माण की पूरी तरह से स्वीकृती हो चुकी है, पैसा रिलीज हो चुका है तो फिर देर किस बात की। इसी के साथ जब चामुंडा देव प्रबंध समिति ने प्रवचन हाल का निर्माण शुरू किया था वह आज भी अधूरा क्यों है जबकि देव प्रबंध समिति के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। इतना पैसा इस प्रवचन हाल को लेकर लगाया गया है इससे अच्छा होता कि चामुंडा माता टेकरी परिक्रमा मार्ग पर जैसा की अन्य माता टेकरी के परिक्रमा मार्ग पर टीन शेड बनाए गए हैं इस तरह के टीन शेड पूरी परिक्रमा में लगा दिए जाते तो दर्शनार्थियों को गर्मी और बारिश से बचाए जा सकता था। सिंहस्थ को लेकर जिस तरह राज्य सरकार के द्वारा उज्जैन और उसके आसपास के शहरो को लेकर कार्य योजना मनाई जा रही है उस योजना में देवास पूरी तरह से उपेक्षित है।
इंदौर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने सिंहस्थ को लेकर जो कार्य योजना बनाई है उसमें आठ जिलों को मुख्य स्थान दिया गया है जिसमें इंदौर, धार ,झाबुआ,बड़वानी ,सेंधवा ,महेश्वर ,खरगोन ,ओंकारेश्वर ,खंडवा और बुरहानपुर महत्वपूर्ण माना गया है जिनकी दूरी के बारे में अगर बात की जाए तो वह उज्जैन से 60 किलोमीटर 70 किलोमीटर 72 किलोमीटर 90 किलोमीटर 110 किलोमीटर तक दूर है जबकि उज्जैन से लगा देवास मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर है इस शहर को लेकर कोई तवज्जो नहीं दी जा रही है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जी देवास के सांसद, विधायक दोनों की मांग पर या सुझाव पर अमल ही नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि सिंहस्थ की कार्य योजना को लेकर देवास की उपेक्षा नहीं की जाए जो सुविधा अन्य जिलों को दी जा रही है वह सुविधा देवास शहर को भी दी जाए।
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