तिरंगे का पूर्वज है भगवा- कवि देवकृष्ण व्यास, देवास के परम्परागत मीना बाजार मेले में हुई कविताओं की सरस रसवर्षा

पंडित रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स 

देवास। नगर पालिक निगम द्वारा आयोजित 88 वी दशहरा कृषिकला, औद्योगिक प्रदर्शनी, मीना बजार मेले में कविताओं की सरस रसवर्षा हुई । देश में, देवास के लाड़ले मंच संचालक, सबरस कवि शशिकांत यादव शशि द्वारा मंचीय सुचिता से परिपूर्ण, सारगर्भित, गरिमामय संचालन में दिल्ली से पधारी सुनामधन्य कवियित्री डॉ. कीर्ति काले द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ ।


निरंतर बढ़ती हुई रात्रि के साथ कविताओं की सरस रसवर्षा के समापन- समारोप पर कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे शहर के वरिष्ठ राष्ट्रवादी कवि देवकृष्ण व्यास ने अपनी बुलंद शैली एवं आवाज में भगवा को तिरंगे का पूर्वज निरूपित करते हुए रंगो के आधार पर भगवा के शौर्य, पराक्रम, सनातन सत्य को गाया तो बड़ी संख्या में उपस्थित काव्यरसिक खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट करते नजर आए । सूत्रधार शशिकांत शशि ने पूर्ण विश्वास के साथ प्रथम कवि के रूप में लखनऊ से आए ओजस्वी कवि अभय निर्भीक को कवितापाठ के लिए आमंत्रित किया, अभय ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचनाओं के साथ देश के ज्वलंत एवं संवेदनशील विषय लव जेहाद पर कड़ा प्रहार किया, तब श्रोताओ की करतल ध्वनि के साथ कवि सम्मेलन प्रारंभ से ही ऊंचाई को छू गया । मुम्बई से आए लाफ्टर हास्य, व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि सुनील व्यास ने चुटीली रचनाओं से श्रोताओ को खूब गुदगुदाया ।


*जिंदगी आड़े, तिरछे मोड़ है...- जगदीश सेन*

     देवास के प्रखर, ओजस्वी गीतकार जगदीश सेन ने अपनी विधा से हटकर, जिंदगी आड़े- तिरछे मोड़ है, मोड़ में भंवरे जैसे जोड़ है, उस पथ पर चलते हुए, बचकर निकलते हुए जीना है जिंदगी...इस सरस गीत की प्रस्तुति दी, तब लगा कि मां वीणावादिनी के साधकों के मंचो पर दीर्घकालिक, प्रेरणादायी गीत आज भी अपनी पूर्ण पहचान लिए स्थापित है । इसके बाद तो वाराणसी से आमंत्रित हास्य, व्यंग्य के कवि अनिल चौबे ने फूहड़ चुटकुलों से परे रस, छंद, अलंकार सहित हास्य प्रस्तुति दी । कवियत्री डॉ. कीर्ति काले जी ने संदेशप्रद मुक्तक, गीत, गजल से मन मोहा । देश के प्रसिद्ध व्यंग्यकार प्रवीण शुक्ल जी, दिल्ली ने हास्य, व्यंग्य की सूचितापूर्ण रचनाओं का पाठ करते हुए समां बांधा । अलवर राजस्थान से पधारे देश के प्रसिद्ध ओजस्वी कवि विनीत चौहान जी ने सैनिक की चि_ी, कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खात्मे सहित वीररस की कविताओं का तूफान खड़ा किया तो राष्ट्रीयता से भरा सम्पूर्ण वातावरण भूषण, दिनकर की परम्परा के कवि की हुंकार एवं तालियों की गूंज से भर गया । मंचासीन कवियों का स्वागत महापौर प्रतिनिधि दुर्गेश अग्रवाल, नेता सत्तापक्ष मनीष सेन, पार्षद अजय तोमर, प्रवीण वर्मा, धर्मेंद्र सिंह बैस, गणेश पटेल, राहुल दायमा एवं नगर निगम के अधिकारी जगदीश वर्मा, जितेंद्र सिसोदिया, सौरभ त्रिपाठी, अशोक देशमुख आदि ने किया।

Post a Comment

0 Comments