सरकार का महंगाई पर से नियंत्रण हटा, खाद्य तेल से लेकर साग-सब्जी महंगी- कांग्रेस

पंडित रघुनंदन समाधिया : प्रधान संपादक : मां भगवती टाइम्स

देवास। यह तो जग जाहिर है कि प्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार आज कर्ज के बोझ में इतनी ज्यादा डूब चुकी है, कि 31 मार्च 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था जो अब बढ़कर 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपए हो चुका है।  3 जुलाई को मानसून सत्र के दौरान पेश किए बजट में 3.65 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। 2024-25 में पेश बजट से अधिक सरकार पर कर्ज हो चुका है। डॉ. यादव ने ही मुख्यमंत्री रहते 15 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया। जिस प्रकार सरकार की आर्थिक स्थिति नियंत्रण में नहीं है इस प्रकार महंगाई भी नियंत्रण में नहीं है ।                                         

इन दिनों महंगाई आसमान छू रही है आवश्यक वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।  महंगाई के कारण खाद्य वस्तुएं आम लोगों की पहुंच से दूर हो रही है।


शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने कहा, कि महंगाई बढ़ाने में जितनी भागीदारी प्रदेश सरकार की है उतनी ही भागीदारी केंद्र सरकार की भी है। 

केंद्र सरकार ने रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया। इससे सरसो, सोया रिफाइंड और पाम रिफाइंड तेल की कीमत बढ़ गई। वही पाम, सोया और सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया। 

श्री राजानी व शर्मा ने कहा कि सूत्रों से पता चला कि सरकार ने बड़ी मात्रा में चीन को भी सोयाबीन का तेल बेचा है। आज सोयाबीन का तेल जो 95 रुपए प्रति किलो था, वह 125 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। एकदम से 30 रुपए किलो का भाव बढ़ जाना आम नागरिकों की समझ से परे है। ऐसे ही हाल अन्य खाने-पीने की चीजों के भी हैं। 

श्री राजानी व प्रवक्ता शर्मा ने बताया लोगों के सामने सबसे बड़ी परेशानी है कि आगामी माह में कई बड़े त्योहार हैं। इन त्योहारों के मद्देनजर लोगों का अच्छा खासा खर्च परिवार में होता है। इतनी ज्यादा महंगाई बढ़ जाने से लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है। यही हाल सब्जियों का है। आलू 40 रुपए किलो, प्याज 50 रुपए किलो, टमाटर 80 रुपए किलो, हरा धनिया 300 रुपए किलो में बिक रहा है। सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। रोजगार की स्थिति का अगर आंकलन किया जाए तो आज प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। इन्वेस्टर सबमिट शिवराजसिंह चौहान ने भी की थी और डॉ. मोहन यादव भी कर रहे हैं, लेकिन उद्योगों को लेकर प्रदेश में कोई इतनी बड़ी तरक्की नहीं हुई है कि आज देश में मध्यप्रदेश का नाम औद्योगिक प्रदेश के रूप में स्थापित हो चुका हो। 

कांग्रेस ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग की है कि सरकार शीघ्र ही ऐसे कदम उठाए जिससे महंगाई नियंत्रण में होने के साथ आवश्यक वस्तुएं लोगों की पहुंच में हो।

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