राम कथा मात्र भजन कीर्तन के लिए नहीं ,सबका साथ सबका विकास के लिए है- सुलभ शांतु गुरूजी

पंडित रघुनंदन समाधियां प्रधान संपादक मां भगवती टाइम्स 


विधायक गायत्री राजे पवार ने व्यासपीठ से गुरूजी का आशीर्वाद लेकर विकास यात्रा का शुभारंभ किया


देवास। वनवास के समय श्रीराम-सीता, लक्षमण को गंगा पार जाना था तो श्रीराम ने केवट को नाव से पार उतारने को कहा तो केवट ने मना कर दिया। बोला आपके चरण रज से पत्थर नारी बन गई, पहले मैं आपके चरण पखारूंगा उसके बाद नाव में बैठा कर पार लगाउंगा। केवट ने श्रीराम से गंगा पार करने की उतराई के रूप में उनके पाव धोने की सेवा मांगी। भक्ति का वास्तविक रूप है भगवान से कुछ नहीं चाहिये, प्रभु राम ने कहा कि सेवा के बदले कुछ लेना होगा तो केवट ने कहा मैने आपको गंगा पार करने की सेवा की है, आप मुझे इस भवसागर से पार करने की कृपा कर देना। राम कथा संपत्ति की लड़ाई नहीं, विपत्ती में साथ रहने की लड़ाई है। मानव धर्म की रक्षा और प्रेम का सूत्र है । राम कथा मात्र भजन कीर्तन के लिए ही नहीं है। सबका साथ सबका विकास के लिए है। यह आध्यात्मिक एवं यथार्थ वक्त्वय जवाहर नगर में राष्ट्र को समर्पित राम कथा के आठवें दिन रामकथा मर्मज्ञ सुलभ शांतु गुरू महाराज ने व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति तिरस्कार की नहीं स्वीकार की है।


 राम के पास इंकार नहीं है किंतु जहां वचन की बात हो, संकल्प की बात हो तो उसमें राम समझौता नहीं करते हैं, समाधान करते हैं। जब भरत जी, राम लक्षमण, सीताजी को अयोध्या लाने के लिए गए तो राम और भरत मिलाप का इतना सुंदर वर्णन गुरूजी ने किया कि बैठे सभी श्रोता भाव विभोर हो गए। आपने कहा कि भरत जी के जीवन का पथ राजपथ नहीं था राम पथ था। भरत जी कर्तव्य और त्याग की मूर्ति है। भरत भी 14 वर्षो तक वनवासी की तरह ही रहे। कथा प्रसंग में भारद्वाज मुनी से भेंट, निशाद राज की सेवा, प्रभु श्रीराम द्वारा अयोध्यावासी को उपदेश देने का बहुत ही प्रभावशाली वर्णन किया। 


विकास यात्रा के शुभारंभ के पूर्व विधायक गायत्री राजे पवार एवं दुर्गेश अग्रवाल ने कथा मंच पर आकर व्यासपीठ से गुरूजी से आशीर्वाद लिया। कथा आरती में माहेश्वरी समाज के प्रहलाद दाड़, कैलाश डागा, दिनेश भूतड़ा, मनोज बजाज, प्रहलाद चांडक, प्रकाश भूतड़ा, दर्जी समाज के अध्यक्ष सत्यनारायण सोलंकी, समाज सेवी राधेश्याम सोनी, अरूणा सोनी, उज्जैन सांसद प्रतिनिधि प्रेम मिश्रा, सुधीर दुबे, ब्रजेश भार्गव, पीडी शर्मा, रिंकेश जैन, अशोक तिवारी, प्रशांत शर्मा, बद्रीप्रसाद जोशी,कांग्रेस नेता जितेन्द्रसिंह मोंटू आदि उपस्थित थे। कथा में राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव रखने वाले वरिष्ठ आर.एस. मुकुंद भाऊ का गुरूजी ने सम्मान किया।


सबका साथ सबका विकास के लिए है- सुलभ शांतु गुरूजी
विधायक गायत्री राजे पवार ने व्यासपीठ से गुरूजी का आशीर्वाद लेकर विकास यात्रा का शुभारंभ किया
देवास। वनवास के समय श्रीराम-सीता, लक्षमण को गंगा पार जाना था तो श्रीराम ने केवट को नाव से पार उतारने को कहा तो केवट ने मना कर दिया। बोला आपके चरण रज से पत्थर नारी बन गई, पहले मैं आपके चरण पखारूंगा उसके बाद नाव में बैठा कर पार लगाउंगा। केवट ने श्रीराम से गंगा पार करने की उतराई के रूप में उनके पाव धोने की सेवा मांगी। भक्ति का वास्तविक रूप है भगवान से कुछ नहीं चाहिये, प्रभु राम ने कहा कि सेवा के बदले कुछ लेना होगा तो केवट ने कहा मैने आपको गंगा पार करने की सेवा की है, आप मुझे इस भवसागर से पार करने की कृपा कर देना। राम कथा संपत्ति की लड़ाई नहीं, विपत्ती में साथ रहने की लड़ाई है। मानव धर्म की रक्षा और प्रेम का सूत्र है । राम कथा मात्र भजन कीर्तन के लिए ही नहीं है। सबका साथ सबका विकास के लिए है। यह आध्यात्मिक एवं यथार्थ वक्त्वय जवाहर नगर में राष्ट्र को समर्पित राम कथा के आठवें दिन रामकथा मर्मज्ञ सुलभ शांतु गुरू महाराज ने व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति तिरस्कार की नहीं स्वीकार की है। राम के पास इंकार नहीं है किंतु जहां वचन की बात हो, संकल्प की बात हो तो उसमें राम समझौता नहीं करते हैं, समाधान करते हैं। जब भरत जी, राम लक्षमण, सीताजी को अयोध्या लाने के लिए गए तो राम और भरत मिलाप का इतना सुंदर वर्णन गुरूजी ने किया कि बैठे सभी श्रोता भाव विभोर हो गए। आपने कहा कि भरत जी के जीवन का पथ राजपथ नहीं था राम पथ था। भरत जी कर्तव्य और त्याग की मूर्ति है। भरत भी 14 वर्षो तक वनवासी की तरह ही रहे। कथा प्रसंग में भारद्वाज मुनी से भेंट, निशाद राज की सेवा, प्रभु श्रीराम द्वारा अयोध्यावासी को उपदेश देने का बहुत ही प्रभावशाली वर्णन किया। विकास यात्रा के शुभारंभ के पूर्व विधायक गायत्री राजे पवार एवं दुर्गेश अग्रवाल ने कथा मंच पर आकर व्यासपीठ से गुरूजी से आशीर्वाद लिया। कथा आरती में माहेश्वरी समाज के प्रहलाद दाड़, कैलाश डागा, दिनेश भूतड़ा, मनोज बजाज, प्रहलाद चांडक, प्रकाश भूतड़ा, दर्जी समाज के अध्यक्ष सत्यनारायण सोलंकी, समाज सेवी राधेश्याम सोनी, अरूणा सोनी, उज्जैन सांसद प्रतिनिधि प्रेम मिश्रा, सुधीर दुबे, ब्रजेश भार्गव, पीडी शर्मा, रिंकेश जैन, अशोक तिवारी, प्रशांत शर्मा, बद्रीप्रसाद जोशी,कांग्रेस नेता जितेन्द्रसिंह मोंटू आदि उपस्थित थे। कथा में राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव रखने वाले वरिष्ठ आर.एस. मुकुंद भाऊ का गुरूजी ने सम्मान किया।

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