जिला जेल देवास में साउथ ईडियन थीम पर जेल गेट के राजा की महा आरती का आयोजन

 पंडित रघुनंदन समाधिया प्रधान संपादक मां भगवती टाइम्स

देवास। जिला जेल देवास में दिनांक 15 सितम्बर 2024 को गणेश उत्सव के उपलक्ष्य में जेल गेट के राजा की महा आरती का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप श्रीसंजय पाण्डेय, अतिरिक्त महानिरीक्षक जेल एवं सुधारात्मक सेवाऐं, जेल मुख्यालय भोपाल,श्री दिनेश नरगावे, केन्द्रीय जेल अधीक्षक, जेल मुख्यालय भोपाल एवं श्री मनोज साहू, जेल अधीक्षक, केन्द्रीय जेल उज्जैन महा आरती में शामिल हुए, मुख्य अतिथि का स्वागत जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे एवं जेल उपअधीक्षक श्री अनिल दुबे द्वारा पुष्पगुच्छ व साफा पहनाकर किया गया। 

इस उपलक्ष्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में जेल परिरूध्द महिला बंदियों द्वारा "श्री गणेशाय देवा" भजन पर राजस्थानी वेशभूषा में नृत्य किया गया एवं पुरूष बंदियों द्वारा " गजा-गजा गण राजा" भजन पर नृत्य किया गया एवं जितेन्द्र शार्मा भजन मण्डली देवास द्वारा आयोजित भजन संध्या में जेल अधीक्षक हिमानी मनवारे एवं जेल उपअधीक्षक अनिल दुबे के द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। समस्त स्टाफ साउथ ईडियन वेशभूषा में उपस्थित रहा। इस अवसर पर समस्त बंदियों ने बडे हर्ष उल्लास के साथ महाआरती में शामिल हुए। 

अंत में जेल उपअधीक्षक द्वारा मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया एवं मुख्य अतिथियों द्वारा जेल अधीक्षक श्रीमती हिमानी मनवारे के इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की सराहना करते हुए समस्त जेल स्टाफ व सभी बंदियों को गणेश उत्सव की शुभकामनाऐं देते हुए यह कहा गया की जिला जेल स्तर कम संसाधनों इस प्रकार के कार्यक्रम करना बंदी हितों के लिए सराहनीय पहल है। पहले जेल का संचालन कारागार अधिनियम 1894 के तहत होता था और अब जेलों का संचालन सुधारात्मक सेवाऐं एवं बंदी गृह अधिनियम 2024 के तहत होगा शासन की मंशा यह है कि सुधारात्मक पहलू पहले हो क्योकि किसी व्यक्ति का जेल में आना उसको अपराधी साबित नही करता है बहुत सारे कारण हो सकते है कई लोग के साथ परिस्थिति ऐसी निर्मित हो जाती है और बहुत सारे लोग अपने प्रर्बध के कारण भी जेल आ जाते है। 


यह पहल बंदियों के अंदर अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को बनाये रखने की ओर कदम है जिससे वह अपने आप को कभी समाज से दूर नहीं पाए। शासन का भी प्रयास यह है कि शासन किसी भी अपराधी से घृणा नहीं करती और सिर्फ अपराध से घृणा करती है और प्रयास अपराध रोकने का है। अभी तक जेल प्रशासन प्रथम दायित्व था दण्ड का निष्पादन था लेकिन अब जेल प्रशासन का प्रथम दायित्व बंदियों का जीवन में सुधार लाना है। आज का यह भव्य कार्यक्रम है उसी दिशा में एक सार्थक कदम है।

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