पंडित रघुनंदन समाधिया प्रधान संपादक मां भगवती टाइम्स
कक्षा 10 वीं की छात्राओं ने दिया शिक्षकों को धन्यवाद
देवास। जो असंभव को संभव कर दे वही शिक्षा है। और जो इस प्रकार की शिक्षा दे वही गुरू होता है। यदि हीरा हो तो उसकी परख तो जौहरी करता है पर जो हीरा नहीं है उसकी परख एक गुरू ही कर सकता है। एक शिक्षक ही चरवाहे चंद्रगुप्त को सम्राट चंद्रगुप्त बना सकता है। लगन, साहस, दृढ़ निश्चय और एकाग्रता से अर्जित ज्ञान ही किसी को अर्जुन बना सकता है पर इसके लिए आवश्यकता होती है एक द्रोणाचार्य की।
बिना द्रोणाचार्य के अर्जुन बन ही नहीं सकते। परीक्षा स्वर्णिम जीवन की एक सीढ़ी है। महारानी चिमनाबाई शा.क. उ.मा.वि. देवास में एक अनोखी पहल के तहत दसवीं कक्षा की छात्राओं द्वारा विद्यालय के समस्त शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक स्टाफ के लिए आयोजित धन्यवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उक्त विचार व्यक्त करते हुए वरिष्ठ एडव्होकेट रघुवीर यार्दी ने छात्राओं की ओर से शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि गुरू यदि वर्तमान है तो शिष्य आने वाला कल है।
प्राचार्य दिव्या निगम ने अतिरिक्त समय और रविवार को भी पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया। शिक्षकों के सम्मिलित प्रयास की सराहना करते हुए अपेक्षा की कि शाला का परीक्षा परिणाम बेहतर होगा। आपने माना कि कोरोना महामारी का सबसे अधिक दुष्प्रभाव शिक्षा पर ही हुआ है। शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में वरिष्ठ व्याख्याता सुनीता खाबिया ओर नीलम पटेरिया ने भी छात्राओं को सम्बोधित किया। धन्यवाद कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकों का आरती एवं पुष्पमाला से स्वागत किया गया।
कार्यक्रम की संकल्पना शिवानी वर्मा और अंकिता परसाई की थी। भूमिका अंजली परमार ने प्रस्तुत की। अतिथि स्वागत खुशी सोलंकी और नंदनी शाक्य ने किया। संचालन हेमा कुशवाह और कुमकुम नामदेव ने किया। आभार हसीबा शाह ने माना। संयोजन प्रसून पंड्या का था।
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